उत्तराखंड : हरिद्वार जिले का सुल्तानपुर फिर सुर्खियों में, मस्जिद मामले के बाद, नकलची खालिद- साबिया की चर्चा

उत्तराखंड सरोकार ब्यूरो 

हरिद्वार।‌ लक्सर क्षेत्र का सुल्तानपुर कस्बा एक बार फिर से चर्चा में है। इस बार नकलची खालिद मलिक और उसकी बहन साबिया की वजह से सुर्खियों में है । जहां दोनों की गिरफ्तारी के बाद उनके घर और दुकान के अतिक्रमण पर धामी सरकार का बुलडोजर चला है।

उल्लेखनीय है कि सुल्तानपुर नगर करीब एक माह पहले से भी सोशल मीडिया और अखबारों में चर्चा में है। जब उत्तराखंड की सबसे बड़ी मस्जिद बनाए जाने की खबर सामने आई थी। उस खबर के बाद सीएम पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर हरिद्वार जिला प्रशासन हरकत में आया और बिना किसी सरकारी अनुमति के बन रहे विशाल मस्जिद के निर्माण कार्य को नोटिस देकर रोका गया।

बता दें कि उक्त मस्जिद की मीनार इतनी ऊंची है कि प्रशासनिक नियमों के अनुसार इसको बनाए जाने के लिए रुड़की आईआईटी, पुलिस फायर विभाग और अन्य सुरक्षा एजेंसियों की एनओसी रिपोर्ट लेना जरूरी है। जो कि नहीं ली गई थी। खबर है कि जिला प्रशासन इस पर भी कार्रवाई करने की तैयारी कर रहा है।

बरहाल बीते कल इसी सुल्तानपुर कस्बे में जिला प्रशासन की टीम भारी फोर्स और बुल्डोजर के साथ पहुंची और निशाने पर था खालिद मलिक का मकान और दुकान का अतिक्रमण, जिसे चंद मिनटों में ध्वस्त कर दिया गया।

स्मरण होगा कि खालिद मलिक ही वो नकलची है जिसने हाल ही में uksssc परीक्षा का पेपर के तीन पेज, हल करने के लिए चोरी छिपे ,परिक्षाकेंद्र अपनी बहन साबिया को भेजा था। ये प्रकरण ,परीक्षा के दिन उत्तराखंड स्वाभिमान मोर्चा उत्तराखंड बेरोजगार संघ के संज्ञान में आने के बाद राज्य में अभ्यर्थियों में तीखी प्रतिक्रिया हुई। जिसके बाद खालिद, साबिया को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया।

इस मामले में अभी चार लोग निलंबित भी हुए है और राज्य की धामी सरकार ने इसकी जांच के लिए एसआईटी भी गठित कर दी है जोकि पूर्व न्यायाधीश बी वर्मा के दिशा निर्देश में एक माह में अपनी रिपोर्ट देगी।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने स्पष्ट कहा है कि ये पेपर लीक नहीं बल्कि नकल का मामला है, पेपर लीक होता तो परीक्षा से पहले प्रश्नपत्र बाहर आता। नकल के इस मामले की जांच के लिए एसआईटी बना दी गई है।आरोपी गिरफ्तार कर लिया गया है।हम किसी भी सूरत में किसी भी युवा के भविष्य के साथ खिलवाड़ नहीं होने देंगे। आरोपी को सख्त धाराओं में सजा मिलेगी।पहले भी सौ से अधिक नकल माफिया जेल भेजे गए है। सरकार ने पिछले चार सालों में 25 हजार से अधिक सरकारी नौकरियां, पारदर्शी व्यवस्था से दी है। फिलहाल जांच पूरी होने तक परीक्षा परिणाम पर रोक रहेगी।

उन्होंने कहा कि यहां कुछ लोग, कुछ कोचिंग सेंटर भी सरकार की पारदर्शी भर्ती नीतियों से परेशान है, इसलिए अराजकता पैदा कर रहे है। उन्होंने कहा कि विपक्षियों के टूलकिट्स की पोल खुल चुकी है। प्रशासन ने,जनता ने इनकी पहचान भी कर ली है।

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